थोड़ा तू जीतले,
थोड़ा तू जीनेदे......
तोड़ा मुजपे हंस ले,
थोड़ा मेरे सात.....
मैं जो भी करता हूँ,
उसके हिस्सा हो तुम....
मेरे हर घम खुशी-
जिसके किस्सा हो तुम
पहले मुजको था तूने अपनाया........
फिर क्यू उंगली पे यूँ नचाया........
कभी मुज़मे समाये,
तू सात चले......
कभी रूटे तो आंशू-
नैनो तले
लिया हैं तूने, जो भी मुजसे
आज़माया हैं मैने तुज़से
कभी उपर, तो कभी नीचे
कभी आगे निकले, कभी पीछे
तू मुजसे या तुज़से मैं,
खोई हूँ, कशमकश और सवालों में
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